चारधाम यात्रा के प्रमुख पड़ावों में बद्रीनाथ धाम का खास स्थान है. 4 मई को कपाट खुलने से पहले प्रशासनिक और धार्मिक तैयारियां जोरों पर हैं. यात्रा मार्गों की मरम्मत, तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाओं का विस्तार और सुरक्षा व्यवस्था के लिए संबंधित विभाग एक्टिव है. बद्रीनाथ धाम की यात्रा सिर्फ आध्यात्मिक आस्था से ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड के सांस्कृतिक और पर्यटन विकास से भी जुड़ी है. इस पवित्र धाम के दर्शन के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं, जिससे इलाके की आर्थिक स्थिति भी बेहतर होती है. इस बार यात्रा में कोई बड़ी पाबंदियां नहीं होंगी.
प्रशासन पूरी मुस्तैदी से यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा में जुटा हुआ है. बद्रीनाथ धाम की यात्रा करने वालों के लिए धामी सरकार ने पंजीकरण को अनिवार्य कर दिया है. यात्री ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों से अपना पंजीकरण कर सकते हैं. यात्रा के दौरान चिकित्सा सुविधाएं, आपातकालीन सेवाएं और यातायात प्रबंधन को लेकर भी खास तैयारी की जा रही है. बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तारीख घोषित होने के बाद श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है. नरेंद्रनगर राजमहल में पारंपरिक रूप से तिलों का तेल पिरोने की रस्म निभाई जाएगी, जो चारधाम यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है.