पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 13 मार्च 2025 को सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर होगा। पूर्णिमा तिथि समाप्त 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर होगा। होलिका दहन होली से एक दिन पहले यानी 13 मार्च 2025 को किया जाएगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 13 मार्च को रात 11 बजकर 26 मिनट से 14 मार्च की मध्यरात्रि 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। रंग वाली होली 14 मार्च को खेली जाएगी।
हिंदू धर्म में होली का खास महत्व बताया गया है। इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन लोग सारे गिले-शिकवे भूलाकर एक-दूसरे को रंग, गुलाल लगाकर एक साथ होली मनाते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, राक्षसों के राजा हिरण्यकश्यप के कहने पर उसकी बहन होलिका प्रह्लाद को अपनी गोद में बैठाकर आग में प्रवेश कर कई। लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद को कुछ नहीं हुआ और होलिका जलकर राख हो गई।