बाढ़ का पानी कम होने के बाद लोनी का मेवला भट्टी संक्रामक रोगों के लिए हॉट स्पॉट बन गया है। 4500 आबादी वाले गांव में लगभग पांच सौ लोग बुखार से ग्रसित हैं। इनमें से कई लोग डेंगू से बीमार हैं। अधिकांश मरीजों का इलाज लोनी में ही आसपास के निजी अस्पतालों और संयुक्त अस्पताल में चल रहा है। सात डेंगू मरीजों को संयुक्त अस्पताल में भर्ती किया गया है। इन्हें अभी तक विभाग ने आंकड़ों दर्ज नहीं किया है। बुखार से ग्रसित 22 मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को तीसरे दिन भी शिविर लगाकर मरीजों की जांच की। जिला सर्विलांस अधिकारी (डीएसओ) डॉ. आरके गुप्ता का कहना है कि मेवला भट्टी गांव में वायरल फैला था। डेंगू पर प्रभावी नियंत्रण किया जा रहा है। डीएसओ ने बताया कि रविवार को पहले दिन गांव में बुखार के 65 मरीज सामने आए। दूसरे दिन 57 मरीजों की जांच की गई। मंगलवार को 16 मरीजों की डेंगू और मलेरिया की जांच की गई। तीन दिनों में 125 से ज्यादा मरीजों की रैपिड जांच में सात मरीजों में डेंगू होने की पुष्टि की है।