गाजियाबाद। जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े की समीक्षा में पिछड़ने पर स्वास्थ्य विभाग को चेतावनी जारी की है। शासन स्तर से कार्य में सुधार लाने के निर्देश दिया गया है। जिले में 11 से 26 जुलाई तक 88 महिलाओं और एक पुरुष की नसबंदी हुई है, जबकि मेरठ में 289 महिलाओं और 25 पुरुषों ने नसबंदी कराई। हापुड़ में 141 महिलाएं और 23 पुरुषों ने नसबंदी कराई है। बागपत में 172 महिलाओं और 12 पुरुषों ने परिवार नियोजन का स्थायी विकल्प अपनाया है। मेरठ मंडल से हुई समीक्षा में गाजियाबाद, बुलंदशहर और गौतमबुद्धनगर के आंकड़े असंतोषजनक हैं। परिवार नियोजन के अन्य साधन अपनाने के मामले में भी तीनों जिले फेल साबित हुए हैं। मेरठ मंडल की अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अर्चना त्यागी ने 11 से 31 जुलाई तक चल रहे जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े की समीक्षा 26 जुलाई को की थी। समीक्षा के दौरान गाजियाबाद, बुलंदशहर और गौतमबुद्धनगर की ओर से भेजे गए आंकड़े हापुड़, मेरठ और बागपत के मुकाबले बहुत कम थे। इस मामले में अपर निदेशक ने तीनों जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों को चेतावनी जारी कर परिवार नियोजन बढ़ाने का निर्देश दिया है। अपर निदेशक ने पत्र में कहा है कि आंकड़ों को देखकर ऐसा लग रहा है कि 27 जून से 10 जुलाई तक चलाए गए दंपती संपर्क पखवाड़े के दौरान सीएचसी और पीएचसी के प्रभारियों की ओर से गंभीर लापरवाही बरती गई है या फिर मंडल को आंकड़े नहीं भेजे जा रहे हैं। पत्र में सीएमओ को जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के दौरान किए जा रहे कार्यों में सुधार करने और संबंधित अधिकािरयों, कर्मचारियों को संबंधित क्षेत्र में परिवार नियोजन के संबंधित उपाय बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।